गणेश चतुर्थी विशेष : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि मान्य होने के कारण इस साल गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 19 सितंबर 2023, मंगलवार को मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी. गणेश स्थापना या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से दोपहर 01 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है.
यह मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था. ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. श्री गणेश जी का श्री स्वरूप ईशाण कोण में स्थापित करें और उनका श्री मुख पश्चिम की ओर रहे. गणपति का पूजन शुद्ध आसन पर बैठकर अपना मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की तरफ करके करें.
पंचामृत से श्री गणेश को स्नान कराएं तत्पश्चात केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित कर कपूर जलाकर उनकी पूजा और आरती करें. उनको मोदक के लड्डू अर्पित करें. उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं. संध्या के समय गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश स्तुति, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें. अंत में गणेश मंत्र श् ऊं गणेशाय नमः अथवा ऊं गं गणपतये नमः का अपनी श्रद्धा के अनुसार जाप करें. गणपति बप्पा छात्रों को परीक्षा में भी भारी सफलता दिला सकते हैं. गणपति ऋद्धि-सिद्धि और विद्या-बुद्धि के देवता जो हैं. सच्चे मन और शुद्ध भाव से गणपति की पूजा करने से बुद्धि, स्वास्थ्य और संपत्ति मिलती है.