जीरम मामलें में रमन सिंह नार्को टेस्ट की चुनौती स्वीकार करे- कांग्रेस

जीरम मामलें में रमन सिंह नार्को टेस्ट की चुनौती स्वीकार करे- कांग्रेस

रमन का नार्को टेस्ट हो गया तो प्रदेश की जनता के दिमाक में गूंज रहे सवालों का जवाब मिल जायेगा

रमन बतायें कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा क्यो हटाया था?

रायपुर/ 10 फरवरी 2023। कांग्रेस ने जीरम मामलें में रमन सिंह से नार्को टेस्ट की चुनौती को स्वीकार करने को कहा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुये जीरम का कू्रर नरसंहार हुआ था जिसमें कांग्रेस के बड़े नेताओं की पूरी पीढ़ी की हत्या कर दी गयी थी। प्रदेश की जनता जानना चाहती है। बस्तर के घोर नक्सल क्षेत्रों में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को रमन सिंह ने क्यो हटवाया था? परिवर्तन यात्रा के ठीक एक हप्ता पहले रमन सिंह स्वयं विकास यात्रा लेकर बस्तर गये थे उनकी विकास यात्रा में पूरी सुरक्षा दी गयी थी। नंदकुमार पटेल, विधाचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा जैसे नेताओं की उपस्थिति वाली कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को पूरी तरह हटा लिया गया था? रमन सिंह बताये उन्होंने किस उद्देश्य से कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को हटाया था?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह एंव उनके मंत्री मंडलीय सहयोगियों का नार्को टेस्ट हो जाये तो इन सवालों का जवाब जनता को मिल जायेगा-

20 मई 2013 को पुलिसविभाग को सूचित किया गया था कि 25 मई 2013 को परिवर्तन यात्रा जगदलपुर से सुकमाजायेगी। परंतु जेड प्लस सुरक्षा वाले नेताओं के होने पर भी पर्याप्त बल क्यों नहीलगाया गया-?महेन्द्र कर्मा जी नक्सलियोंके हीट लिस्ट में थे। उनके हत्या की साजिश की योजना पीसीओसी ने इसकी जिम्मेदारीली थी। जिसकी गुप्त सूचना 10 अप्रैल 2013 को इंटिलिजेंस के पास आ गयी थी। इससूचना दंतेवाड़ा और बीजापुर एसपी को भेज दिया गया था। परंतु ऐसी क्या वजहथी। कि इस सूचना को बस्तर और सुकमा के एसपी का नहीं भेजी गयी थी। जबकि जीरमघाटी इन दोनो के बीच में है ?महेन्द्र कर्मा जी सलवा जुडुमके कारण नक्सलियों के हिट लिस्ट में थे। 08 नवंबर 2012 को कर्मा जी पर नक्सली हमलाकरने पर कामयाब रहे। उन्हे केवल जेड सुरक्षा ही प्रदान की गयी थी। उनको जेड प्लस याएनएसजीके कमांडो क्यों उपल्बध नही कराये गये थे ?21 अप्रैल 2012 को 4.30 बजेसुकमा कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन को नक्सिलयों द्वारा किडनैप कर लिया था। उनकोंछुड़वाने के लिए सरकार की नक्सलियों से क्या बात हुई और क्या डील हुई थी ये आजतक छत्तीसगढ़ की जनता को नहीं बताया गया है। क्या कहीं ऐसा तो नहीं कि कोईगुप्त समझौता छत्तीसगढ़ सरकार नेनक्सलियों से किया था ?29 जुलाई 2011 गरियाबंदमें किसान सभा से लौटते हुए नंदकुमारपटेल व कांग्रेस नेता और कार्यकताओं पर नक्सली हमला हुआ था। उनकी गाड़ियों कोब्लास्ट किया गया था। जबकि वो पूर्व में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रहचुके थे। उसके बावजूद भी उनकों जेड प्लस सुरक्षा क्यों नही दी गयी थी ?नंदकुमार पटेल जी के घरपर परिवर्तन यात्रा के पहले पुलिस अधिकारी मुकेश गुप्ता और आर के विज आये थे।और कहा हम आपकों पुरी सुरक्षा देंगे। आप निश्चित होके जाइये तो फिर उनकोंपूरी सुरक्षा प्रदान क्यो नही की गयी ?जून 2012 को सारकेगुड़ानरसंहार घोर नक्सली क्षैत्र में हुआ था। तो सभी बड़े पुलिस अधिकारी नेताओं केसाथ गये थे। परंतु परिवर्तन यात्रा जब जीरम से गुजर रही थी तो कोई भी बड़ापुलिस अधिकारी साथ क्यों नही था। जबकिसभी को पता था कि सभी बड़े नेता साथ जा रहे है। तो पर्याप्त सुरक्षा वयव्सथाक्यो नही कराई गयी ?तारमेटला, मदनवाड़ा,रानीबोदली ऐसी बहुत सी वारदात नक्सलियों द्वारा किया गया था। जब गरियाबंद में भीआईडी ब्लास्ट कर नंदकुमार पटेल के काफिले मे चल रही गाड़ी को उड़ाया गया। काफिलेके साथ रोड ओपनिंग की गाड़ी हमेशा साथ चलती है। परंतु जीरम वाले दिन क्योरोड ओपनिंग करने वाला नहीं था ?विकास यात्रा में एक हजार सेज्यादा जवान थे। परंतु परिवर्तन यात्रा को वैसी सुरक्षा क्यो नही प्रदान की गयी।उनकों साफट टारगेट के रूप में छोड़ दिया गया था। 45 किलोमीटर के सफर मेकेवल-केवल 125 जवान तैनात थे। उसमे भी जहा पर कार्यक्रम था वहा पर से केवल 29 जवान ही परिवर्तन यात्रा के साथ क्यों चलरहे थे ?यूनिफाईट कमांड में चालीस हजार जवान थे जिसके प्रमुख भूतपूर्वमुख्यमंत्री रमन सिंह थे। विकास यात्रा के पहले तो एसपी और कलेक्टर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रेसकांफ्रेस करके सारी चीजे बताया करते थे। और यात्रा के साथ-साथ रहते थे।परिवर्तन यात्रा की कोई सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा क्यो नही की गई ?16 मई 2013 में 40 हजार सशस्त्र बल 20 से 25 हजार छत्तीसगढ केसुरक्षा बल बस्तर में तैनात थे। परंतु परिवर्तन यात्रा में केवल 125 का बल देना कही नाकही शक व साजिश को जन्म देता है।25 मई 2013 को जीरम घाटी की दुखद घटना करीब 4.15 बजे हो गयी थी। लेकिन दंरभा थाना व तोंगपालपुलिस थाना से सशस्त्र बल के टुकड़ियोंको तुरंत नही भेजना कई घायल नेता कोअगर समय पे चिकित्सा व्यवस्था मिल जाती तो कईयों की जान भी बच सकती थी।परंतु चिकित्सा वयव्सथा समय पर नही करना साजिश को जन्म देता है ?नक्सलियों द्वारा लोगो से पूछ-पूछ कर कि नंदकुमार पटेल और दिनेश पटेल कौन है। और फिर उनकीहत्या कर उनका लैपटाप और मोबाईल ले जाना सिर्फ और सिर्फ नक्सली हमला प्रतीत नहीहोता अगर यह नक्सली हमला होता तो सभी के लिए होता लेकिन सिर्फ नंदकुमार पटेलऔर उनके पुत्र दिनेश पटेल कांग्रेस को जमीनी स्तर पर बहुत ही मजबूत कर रहे थे।जिससे छत्तीसगढ़ सरकार मे बैठे कुछ लोगो को यह डर था। कि अगर ये लोगछत्तीसगढ़ मे सत्ता मे आ गये तो हमारे बहुत से भ्रष्टाचार को उजागर कर देंगे।जीरम घाटी जाने के पहले दिनेश पटेल ने कुछ बड़े नेताओं को कहा था कि मै वहासे लौटकर प्रेस कांफ्रेस करूंगा जिससे सत्ता में बैठे लोगो को इस्तीफा देना पड़जायेगा।छत्तीसगढ़ में बस्तर के कारण ही सरकार बनती है और जाती हैकांग्रेस को जिस प्रकार कांग्रेस संगठन के लोग वहा मेहनत कर रहे थे और नंदकुमारपटेल और दिनेश पटेल द्वारा जो कार्य वहा पर कार्यकताओं का सौपे जा रहे थेजिससे जनता पर अच्छा मैसेज जा रहा था। छत्तीसगढ़ सरकार में बैठे कुछ लोग चिंतितया भयभीत थे। उनको सत्ता परिवर्तन का डर सताने लगा था। हमारा यह मानना है किपूर्व मुख्यमंत्री और उनके करीबियों का तीन महीने का फोन और मोबाईल काल डिटेलनिकाल कर उसकी जांच करा ली जाये तो बहुतसे राज बाहर आ जायेंगे। जिससे जीरम का सच छत्तीसगढ़ की जनता को पता चल जायेगा।भाजपा के पूर्व नेता वीरेन्द्र पांडे जी ने कहा था कि एक आईपीएसने कहा था कि जीरम घाटी की डील 60 करोड़ में हुई है। इस खबर को दिल्ली केअखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित कियाथा। परंतु आज तक इसकी जांच क्यो नही की गयी?रमन सिंह जी ने न्यूज 18 में दिये इंटरव्यू मे कहा था कि जीरमघाटी वाला बहुत संवेदनशील है। 100 जवान भी साथ हो तो अटैक हो सकता है तोपरिवर्तन यात्रा में शामिल कांग्रेस केबड़े-बड़े नेता और कार्यकर्ताओं को क्या नक्सलियों के बीच साफट टारगेट बनने के लिए केवल और केवल 29 जवानोंके साथ छोड़ दिया गया था। दो दिन पूर्व रमन सिंह जी के विकास यात्रा में 1000 हजार जवान पूराप्रशासनिक अमला एसपी, कलेक्टर सब साथ परंतु परिवर्तन यात्रा में एसपी का ना होना भी शंका को जन्म देता है?

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