गौठान में व्यावसायिक तौर पर मुर्गी पालन करके समूह की महिलाओं को मिला स्वरोजगार

गौठान में व्यावसायिक तौर पर मुर्गी पालन करके समूह की महिलाओं को मिला स्वरोजगार


ग्राम गौठान में महात्मा गांधी नरेगा से बने शेड का उपयोग कर महिलाएं कर रहीं व्यवसाय

कोरिया/एमसीबी दिनांक 17/5/23 – ग्राम गौठानों में स्थानीय महिलाओं के समूह छोटे छोटे संसाधनों से अपने अतिरिक्त आय का स्रोत बना रहे हैं। कभी केवल घरेलू कार्यों में व्यस्त रहने वाली महिलाएं अब घर से निकलकर योजनाओं का लाभ लेते हुए आर्थिक मजबूती की दिषा में कदम बढ़ा रही हैं। एमसीबी जिले के जनपद पंचायत मनेन्दगढ़ के ग्राम पंचायत भलौर में सरस्वती स्व सहायता समूह की महिलाएं ग्राम गौठान में बने मुर्गी पालन शेड का उपयोग कर अपने लिए एक अलग स्वरोजगार स्थापित कर चुकी हैं। हर दो तीन माह के अंतराल में इस समूह को लगभग तीस हजार रूपए का लाभ प्राप्त हो रहा है। यह व्यवसाय अब महिलाओ के स्वरोजगार के रूप में पूरी तरह से स्थापित हो चुका है। इस संबंध में जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत भलौर में रहने वाली इस समूह की सदस्य श्रीमती फूलकंुवर और श्रीमती निर्मला ने बताया कि हम सब अपने घरांे में ही खेती बाड़ी का काम करते थे और खाली समय में मनरेगा के तहत गांव में मिलने वाले अकुषल रोजगार पर आश्रित रहते थे। तीन साल पहले मनरेगा के कार्यस्थल पर ही ग्राम पंचायत में महिलाओं को समूह के तौर पर जुड़कर बचत और स्वरोजगार की जानकारी दी गई। समूह के गठन के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन बिहान से जुड़कर हमने छोटी छोटी बचत करने का काम प्रारंभ किया। इससे हमें मुसीबत के समय सहयोग मिलने लगा। फिर हमने सुराजी ग्राम योजना के तहत बने ग्राम गौठान में जुडकर वर्मी खाद बनाने का काम प्रारंभ किया। इससे अच्छा लाभ होने लगा। साथ ही ग्राम गौठान में हमारी आजीविका गतिविधियों को बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मुर्गी शेड मिल गया इसकी मदद से मुर्गीपालन का काम प्रारंभ कर दिया।
             सरस्वती स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके द्वारा लगातार इस षेड का उपयोग करते हुए मुर्गी पालन कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक साठ से सत्तर दिवस के बाद इस समूह को मुर्गियां बेचकर औसतन 30 हजार रूपए का लाभ होता है। इनके द्वारा अब अपने खेती के अलावा एक अन्य स्वरोजगार स्थापित कर लिया गया है जिसका बाजार इन्हे ग्राम में ही उपलब्ध है। यह उनके सामाजिक और आर्थिक उन्नति का एक संसाधन बन गया है। इस कार्य के बारे में जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत की तकनीकी सहायक श्रीमती अंजू रानी ने बताया कि ग्राम पंचायत में सुराजी ग्राम योजना के तहत ग्राम गौठान का निर्माण कराया गया और यहां जुड़ी हुई समूह की महिलाओं के स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए उनके इच्छा के अनुरूप मुर्गी पालन केंद्र के लिए एक शेड निर्माण कार्य ग्राम पंचायत भलौर द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इस पर जिला पंचायत कोरिया से एक लाख सतहत्तर हजार रूपए की प्रषासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई और इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत को ही निर्माण एजेंसी बनाया गया था। कार्य तय समय सीमा में पूरा होने के बाद गत वर्ष से ही सरस्वती महिला स्व सहायता समूह के द्वारा मुर्गी पालन कार्य किया जा रहा है।

Chhattisgarh