जयपुर।आल इंडिया स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स फैडरेशन के 49 वां वार्षिकोत्सव देश की गुलाबी नगरी के नाम से प्रख्यात जयपुर में मनाया गया। इस अधिवेशन में लघु मझोले समाचार पत्र सहित प्रिंट मीडिया को सरकार के असहयोगात्मक रवैये और चुनौतियों पर गहन मंथन किया गया। दो दिवसीय इस आयोजन में केन्द्र के साथ-साथ सभी राज्य सरकारों को देशभर के लघु एवं मझौले समाचार पत्रों के उत्थान एवं समुचित सहयोग के लिए पत्र भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ।
अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे राजस्थान सरकार के आरटीडीसी (पर्यटन मंत्रालय) के चैयरमैन धर्मेन्द्र सिंह राठौर ने कहा कि राजस्थान की गुलाबी नगरी में देश के लघु एवं मझौले समाचार पत्र के संपादक व पत्रकार देश का दर्द भली भांति समझते हैं व यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संजोये रखे हुए हैं। मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे आपके बीच आने का मौका मिला।
श्री राठौड़ ने विस्तार से राज्य सरकार की पत्रकार के प्रति सकारात्मक भाव जनता की हितेषी सरकार बताते हुए कहा कि देश में जब ६०० करोड़ से अधिक लोग व २०० देशों के लगभग मानव आबादी सूक्ष्म वायरस से परेशान थे तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो ३ बार के मुख्यमंत्री हैं कोरोना काल में स्वास्थ्य का मॉडल पेश किया वह काविलेतारीफ था जिसे देश के प्रधानमंत्री जी ने भी सराहा।
उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने पत्रकारों के हितों में काफी कार्य किए है जिसमें पैंशन, आवास, स्वास्थ्य बीमा आदि प्रमुख है।आज भी आम समाज में स्थानीय लघु समाचार पत्रों की विशिष्ट पहचान है। बड़े समाचार पत्र उद्योगपतियों के कब्जे में है उनको आम लोगों की गरीबी, समस्याएं नहीं दिखाई पड़ती। संबोधन के अंत में उन्होंने आश्वासन दिया कि राजस्थान की गहलौत सरकार समाचार पत्रों के हित में महत्वपूर्ण कार्य करती रहेगी व पत्रकारों के लिए साथ खड़ी है
इसी क्रम में कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि जयपुर नगर निगम की मेयर श्रीमती मुनेश गुर्जर ने कहा कि अतिथि देवो भव व गंगा जमुना तहजीब के लिए जाने वाला जयपुर देशभर के लघु एवं मझौले समाचार पत्रों व पत्रकारों का जयपुर में स्वागत करती है। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकार समाज का आईना होते हैं। समाचार पत्रों को समाज को सही दिशा दिखाते रहना चाहिए। राजस्थान सरकार ने पत्रकारों के हितों में अब तक जो फैसले लिए है वह पूरे देश में लागू होने चाहिए।
फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रैस कौंसिल ऑफ इण्डिया के सदस्य गुरिंदर सिंह ने कहा कि हमारे संगठन के सदस्यों की घर-घर तक पहुंच है, छोटे समाचार पत्रों की गली कूंचे मौहललो तक पकड होती है। आज केन्द्र सरकार हमारे साथ भेदभाव का रूख बनाये हुए है, बडे मीडिया हाउसों को सरकार अपने निजी स्वार्थों में पालने पोसने में लगी है। बडे समाचार पत्र कभी भी आम जनता की आवाज नही बन सकते।
सम्मेलन के आयोजक और राजस्थान ईकाई के अध्यक्ष भारतीय प्रैस परिषद के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार डॉ. एल.सी. भारतीय ने कहा कि सरकारों की नीतियां लघु एवं मझौले समचार पत्रों का अस्तित्व समाप्त करने की है। राजस्थान में गहलौत सरकार ने छोटे समाचार पत्रों के हितों में अनेक कदम उठाये है, अन्य राज्य सरकारों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए। फैडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव एवं पीसीआई के पूर्व सदस्य अशोक नवरत्न ने कहा कि आम समाज आज भी स्थानीय समाचार पत्रों पर विश्वास करता है क्योंकि उनकी आवाज को छोटे एवं मझौले पत्र के पत्रकार ही मुखर करते है। बडे समाचार पत्र केवल अपने आकाओं के इशारे पर ही काम कर पाते है।
सम्मेलन में अन्य वक्ताओं ने लघु एवं मझौले समाचार पत्रों के समझ विभिन्न चुनौती, संकट, समस्याओं की और ध्यानाकर्षण किया।
दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन 20 नव. को राजस्थानी संस्कृति, खानपान से परिचित कराने के लिए चौकी ढाणी रिसोर्ट का भ्रमण कराया गया। इस दौरान सभी लोगों का साफा, मोती माला स्मृति चिन्ह उपहार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के महेश अग्रवाल, छत्तीसगढ के मलय बनर्जी, यूपी के प्रदेशाध्यक्ष मौ. हफीज उल्ला खां वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश चन्द्र शुक्ला, बंगलौर से राममूर्ति, एन.जे.कृष्णा, दिल्ली से प्रदेशाध्यक्ष ललित सुमन, पवन नवरत्न, संजय शर्मा, आशा शर्मा, सौरभ वार्ष्णेय, आसिफ जाफरी विक्रांत लखनऊ राहुल कुमार, कु.रिया गुप्ता, पवन पंडित, विजेन्द्र गोस्वामी उत्तराखण्ड, मीनू भारतीय, विजय सूद एक्स बी एम शर्मा, एजाज अली सहित सैकडों पत्रकार शामिल हुए।