मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दही हांडी उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीला से हमें जीवन जीने की कला सिखाई है। महाभारत में श्री कृष्ण ने अन्याय के विरुद्ध लड़ने का संदेश दिया। अन्याय के खिलाफ लड़ना ही सबसे बड़ा धर्म है। भगवान श्री कृष्ण ने हमें कर्म की प्रधानता की शिक्षा दी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री कृष्ण प्रकृति प्रेमी थे। जब हम भगवान कृष्ण को याद करते हैं तो हमें यमुना नदी का किनारा याद आता है, बांसुरी की तान याद आती है और गौ माता का झुंड याद आता है। सनातन धर्म में प्रकृति की पूजा की जाती है। पीपल, बरगद आदि वृक्षों को पूजनीय माना गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी एक पेड़ मां के नाम लगाने का आह्वान किया है। मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे अपनी माँ के नाम से एक पेड़ जरूर लगाएं। भगवान कृष्ण के प्रति भी हमारी सच्ची श्रद्धा तभी प्रकट होगी, जब हम एक पेड़ मां के नाम लगाकर प्रकृति के प्रति अपना दायित्व पूरा करेंगे।
विशाल दही हांडी कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आयी गोविंदा टोलियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने दही हांडी फोड़ कर गोविंदा टोलियों का उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, विधायक श्री किरण सिंहदेव, श्री ईश्वर साहू, गुरु खुशवंत साहेब, श्री मोतीलाल साहू तथा स्वामी श्री राजीव लोचन जी महाराज, श्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, श्री बसन्त अग्रवाल और आयोजन समिति के सदस्यगण सहित विशाल जनसमूह उपस्थित था