भूमि सुधार के बाद से खुशहाली की राह पर सात हजार से ज्यादा वनाधिकार पत्रकधारी किसान,

भूमि सुधार के बाद से खुशहाली की राह पर सात हजार से ज्यादा वनाधिकार पत्रकधारी किसान,

भूमि सुधार के बाद से खुशहाली की राह पर सात हजार से ज्यादा वनाधिकार पत्रकधारी किसान,
बरबसपुर के कोरवा किसान करण साय अपने खेतों से ले चुके हैं 60 हजार रुपए से ज्यादा का लाभ

बैकुण्ठपुर/एमसीबी दिनांक 15/2/23 – महात्मा गांधी नरेगा के तहत कोरिया एवं एमसीबी जिले के वनाधिकार पत्रक धारी परिवारों के उन्नयन के लिए राज्य के निर्देशानुसार निरंतर हितग्राही मूलक कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा रही है। इनमें भूमि समतलीकरण, निजी भूमि पर हितग्राही को डबरी, पक्के कुएं आदि प्रमुखता से स्वीकृत किए जा रहे हैं। इन कार्यों से हितग्राहियों को सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है। इसी तरह के एक वनाधिकार पत्रक धारी किसान श्री करण साय एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत बरबसपुर में रहते हैं। कोरवा जनजाति से आने वाले किसान करण साय को दो वर्ष पूर्व वन अधिकार भूमि पर पट्टा प्राप्त हुआ था। पहले इनकी भूमि असमतल थी जिससे वह उसमें चाहकर भी कोई फसल नहीं लगा पाते थे। इनकी भूमि के समतलीकरण हेतु ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर मनरेगा योजना अंतर्गत 42 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जिला पंचायत कोरिया द्वारा प्रदान की गई। भूमि के समतलीकरण कार्य में अकुशल श्रम करने से करण साय के परिवार को लगभग आठ हजार रुपए की मजदूरी राशि सीधे खाते में प्राप्त हुई। अपनी भूमि के समतलीकरण के बाद किसान करण साय ने अपने खेतों में स्थानीय नाला से सिंचाई की सुविधा का लाभ लेते हुए धान की फसल लगाई। इससे उन्हे पंद्रह क्विंटल से ज्यादा धान का उत्पादन प्राप्त हुआ। इसके बाद उन्होंने अपने दो-तीन खेतों में गेहूं की फसल लगाई है साथ ही वह अपने खेतों में अब सब्जी का भी उत्पादन करने लगे हैं। अलग-अलग फसलों को बाजार में बेचकर अब तक करण साय को लगभग 60 हजार रुपए की आमदनी हो चुकी है। सब्जी उत्पादन से करण साय को हर माह लगभग 4 से 5 हजार रुपए अतिरिक्त आमदनी के तौर पर प्राप्त हो रहे हैं। समतलीकरण का एक छोटा सा हितग्राही मूलक कार्य अब उनके वन अधिकार से प्राप्त भूमि के लिए एक अच्छा संसाधन बन गया है।  
          बीते तीन वर्षों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वन अधिकार के तहत प्राप्त पट्टाधारी किसानों को अनेक हितग्राही मूलक कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस अनुक्रम में विगत तीन वर्षों में मनरेगा के तहत भूमि समतलीकरण व मेड़ बंधान कार्यों की स्वीकृतियों के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता जैन ने बताया कि कोरिया जिला पंचायत के अंतर्गत कोरिया एवं एमसीबी जिले को मिलाकर कुल 13 हजार 259 वनाधिकार पत्रकधारी परिवार मनरेगा के तहत पंजीकृत हुए हैं। इनमें जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर में 3221 वनाधिकार पत्रक धारी किसान पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 1324 किसानों की 1042 एकड़ से ज्यादा भूमि के सुधार के लिए 10 करोड़ 91 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। कोरिया जिले के जनपद पंचायत सोनहत में 1782 वनाधिकार पत्रक धारी किसान पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 1177 किसानों की 811 एकड़ से ज्यादा भूमि के सुधार के लिए 12 करोड़ 74 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि एमसीबी जिले के जनपद पंचायत भरतपुर में 1523 वनाधिकार पत्रक धारी किसान पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 933 किसानों की 806 एकड़ से ज्यादा भूमि के सुधार के लिए 9 करोड़ 73 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। जनपद पंचायत खड़गंवा में 4475 वनाधिकार पत्रक धारी किसान पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 2159 किसानों की 1798 एकड़ से ज्यादा भूमि के सुधार के लिए 18 करोड़ 84 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ में 2248 वनाधिकार पत्रक धारी किसान पंजीकृत हुए हैं। इनमें से 1638 किसानों की 2521 एकड़ से ज्यादा भूमि के सुधार के लिए 14 करोड़ 38 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान कर भूमि सुधार के कार्य कराए गए हैं। भूमि सुधारों का सीधा लाभ किसानों को प्रदान कर उनके कृषि आधारित आजीविका में सुधार का प्रयास किया जा रहा है।

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