राजधानी रायपुर का सबसे चर्चित एवं क्राइम ग्राफ में टॉप में रहने वाला थाना टिकरापारा इस बार अपने एक पुलिस कर्मचारी के कारण फिर विवादों में आ गया है।

राजधानी रायपुर का सबसे चर्चित एवं क्राइम ग्राफ में टॉप में रहने वाला थाना टिकरापारा इस बार अपने एक पुलिस कर्मचारी के कारण फिर विवादों में आ गया है।

पुलिस प्रताड़ना का केस सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति को उसी के समाज के लोगों ने पुलिस के एक कर्मचारी के साथ मिलकर कितना ज्यादा प्रताड़ित किया कि उसने आत्मग्लानी में आत्महत्या कर ली।

मामला है टिकरापारा थाना में पदस्थ एक आरक्षक महेश नेम एवं मुस्लिम समाज के एक धार्मिक नेता सहित उनके साथियों ने मोहम्मद शहजाद नाम के व्यक्ति को इतना ज्यादा प्रताड़ित किया कि उसने समाज में उसकी साख गिरने के कारण अपने घर में फांसी के फंदे पर झूल गया। खास बात यह रही कि मृतक ने मृत्यु पूर्व अपने सुसाइडल नोट में सभी प्रताड़ित करने वालों के नाम उल्लेखित किए हैं। इस घटना के बाद मुस्लिम समाज के बुजुर्ग एवं युवाओं में रोज देखा जा रहा है वह सभी आरोपियों सहित पुलिस कर्मचारियों पर तत्काल कार्यवाही की मांग को लेकर दोपहर 3:00 से देर रात लगभग 10:00 बजे तक थाने में डटे रहे।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कई थानों के थाना प्रभारी एवं बड़ी संख्या में पुलिस बल टिकरापारा थाने में सुरक्षित के मद्देनजर तैनात कर दिया गया।

पहले पुलिस ने अपने कर्मचारियों के बचाव के मार्ग तलाशें लेकिन परिजनों और सामाजिक लोगों के दबाव में आकर पुलिस ने सभी के ऊपर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। मृतक के भांजे उन्होंने कहा कि बच्चों की लड़ाई में बड़े भी शामिल हो गए और दो मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने अपने पद का लाभ उठाकर एक पुलिस कर्मचारी के साथ मोहम्मद शहजाद पर गलत धाराओं का केस लगाकर उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया। मृतक के सुसाइड पर जिन-जिन का नाम है उन सब पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए। हमें केवल न्याय चाहिए निखा तंजुम मृतक की मौसेरी बहन मृतका की बहन ने बताया कि बच्चों की लड़ाई में बड़े कूद गए और इस कारक उनके भाई ने आत्महत्या कर ली उन्हें इंसाफ चाहिए।

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