भाजपा के आचरण से साफ, वह आदिवासी आरक्षण विरोधी -कांग्रेस

भाजपा के आचरण से साफ, वह आदिवासी आरक्षण विरोधी -कांग्रेस

रायपुर/02 दिसंबर 2022। आरक्षण संशोधन विधेयक प्रस्तुत होने पर विधानसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने जिस प्रकार का हंगामा किया और आचरण दिखाया उससे साफ हो गया कि भाजपा आदिवासी समाज के आरक्षण को बढ़ाये जाने की विरोधी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि आदिवासी समाज, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग के गरीबों के लिये राज्य सरकार के द्वारा किये जा रहे आरक्षण का प्रावधान का कानून बने। भाजपा की रमन सरकार के द्वारा बरती गयी लापरवाही के कारण कोर्ट में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण घट गया था। कांग्रेस सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर राज्य के सभी वंचित वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण को लागू करने विधेयक लाकर कानून बनाने की रास्ता साफ किया। संख्या बल में न्यून होने के कारण भाजपा इस विधेयक को विधानसभा में पास होने से रोक नहीं सकती थी तो उसने विधेयक को पटल में रखने के पूर्व ही हंगामा मचाना शुरू कर दिया। भाजपा के वरिष्ठ विधायक विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकने के लिये हल्ला और हंगामा जैसी स्थिति पैदा कर रहे थे जो दुर्भाग्यजनक है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह साफ हो गया कि भाजपा ने हाईकोर्ट में ननकी राम कंवर की कमेटी और मुख्य सचिव की कमेटी के बारे में अदालत में इसीलिये छुपाया था ताकि आरक्षण कोर्ट से निरस्त हो जाये अब जबकि कांग्रेस सरकार आरक्षण को फिर से लागू करना चाह रही कानून बना रही। भाजपा के आचरण से प्रदेश का हर नागरिक समझ गया कि भाजपा आरक्षण संशोधन विधेयक पारित होने पर बाधा उत्पन्न करने का प्रयास कर रही थी। भाजपा नहीं चाहती छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और अन्य आरक्षित वर्ग के लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार मिले।

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