कॉलेज के छात्रों एवं शिक्षकों ने लिया तंबाकू-धूम्रपान मुक्ति का संकल्प

कॉलेज के छात्रों एवं शिक्षकों ने लिया तंबाकू-धूम्रपान मुक्ति का संकल्प

तंबाकू-धूम्रपान मुक्त शैक्षणिक संस्थान के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित

बिलासपुर, 24 नवंबर 2022, स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले को तंबाकू एवं धूम्रपान मुक्त बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव के निर्देशानुसार राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिले के समस्त महाविद्यालयों को तंबाकू मुक्त महाविद्यालय बनाने के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के सहयोग से समस्त महाविद्यालय के प्राचार्य एवं नोडल शिक्षकों के लिए आयोजित कार्यशाला में उपस्थित छात्रों एवं शिक्षकों ने तंबाकू-धूम्रपान मुक्ति का संकल्प लिया। साथ ही तंबाकू नियंत्रण के लिए बनाए गए अधिनियम का सख्ती से पालन करने और करवाने में योगदान देने की मंशा भी जाहिर की। यह आयोजन अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम परिसर में किया गया

कार्यशाला में कुलपति प्रो. अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी द्वारा समस्त महाविद्यालय प्राचार्य से तंबाकू मुक्त समाज के निर्माण में सहयोग की अपील गई। उन्होंने स्वयं से प्रारंभ करते हुए समस्त महाविद्यालयों को तंबाकू मुक्त घोषित किए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्देशित मापदंडों को पूर्ण करने हेतु आग्रह भी किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल प्रोफेसर गौरव साहू ने कहा “तंबाकू-धूम्रपान मुक्ति के लिए लगातार प्रयास स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जा रहा है। युवाओं को नशापान की आदत से बचना चाहिए। नशा सेवन नहीं करने और ना ही किसी अन्य को करने देने की शुरुआत विश्वविद्यालय परिसर से की गई है । इसके तहत विश्वविद्यालय परिसर को तंबाकू मुक्त बनाए जाने हेतु सभी मापदंडों को पूर्ण करने का प्रयास किया जा रहा है|”

वहीं तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम नोडल अधिकारी, डॉ. बीके वैष्णव ने बताया “गत वर्ष 76 शिक्षण संस्थानों को कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार तंबाकू मुक्त घोषित किया गया है। वहीं इस वर्ष समस्त शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त किए जाने का लक्ष्य लेते हुए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है|”

इस अवसर पर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम जिला सलाहकार डॉ अनुपम नहक ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तंबाकू के दुष्प्रभाव की जानकारी दी। उन्होंने बतायाः “छत्तीसगढ़ में तंबाकू उपयोग करने की व्यापकता लगभग 39.1 प्रतिशत है । वही 13 से 15 वर्ष के बच्चों में इसकी व्यापकता 8 प्रतिशत है। तंबाकू का उपयोग शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित करता है अगर कम उम्र में ही तंबाकू या धूम्रपान की आदत लगेगी तो उसे छोड़ पाना उतना ही कठिन होता है।“ उन्होंने आगे बताया: “लगभग 75% तंबाकू उपयोगकर्ता जो तंबाकू प्रारंभ करते हैं उनकी उम्र 18 वर्ष से कम की होती है जिसके कारण उनके लिए यह छोड़ पाना बहुत ही कठिन होता है । इसलिए शिक्षण संस्थानों पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि उन्हें तंबाकू मुक्त घोषित किया जाए । शौक्षणिक संस्थान का वातावरण भी तंबाकू-धूम्रपान मुक्त ही निर्मित किया जाए कि बच्चे तंबाकू के नशे से दूर रहें|”

कार्यक्रम में द यूनियन संस्था के संभागीय समन्वयक संजय नामदेव द्वारा तंबाकू नियंत्रण हेतु भारत सरकार द्वारा जारी सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की प्रमुख धाराओं की जानकारी प्रदान की गई। साथ ही साथ शैक्षणिक संस्थान से जुड़े तो महत्वपूर्ण धारा जैसे – सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान निषेध एवं समस्त शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे पर तंबाकू उत्पाद का वित्तीय प्रतिबंध की जानकारी विस्तार पूर्वक बताया गया।

उन्होंने बताया अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु भारत सरकार के द्वारा शैक्षणिक संस्थान के प्राचार्य एवं चयनित नोडल शिक्षक को अधिकृत किया गया है, इसकी जानकारी भी प्रदान की गई| इस दौरान उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित किए जाने हेतु भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों की जानकारी , तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के क्रियान्वयन की प्रक्रिया एवं इसके मूल्यांकन किए जाने हेतु ऑनलाइन माध्यम की जानकारी भी दी गई। इस मौके पर उपस्थित छात्रों एवं शिक्षकों ने नशा सेवन नहीं करने का संकल्प लिया।

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