नया रायपुर के जंगल सफारी में रह 36 में से 35 काले हिरणों की मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है

नया रायपुर के जंगल सफारी में रह 36 में से 35 काले हिरणों की मौत के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है

इतनी अधिक संख्या में हिरनो की मौत के बाद अब जू प्रबंधन और जिम्मेदारी अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है तो दूसरी ओर काले हिरणों की मौत को लेकर अब चर्चाओं का दौर भी शुरू हो चुका है,

वही इस मामले को लेकर अब आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरू हो गई, कांग्रेस ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कारवाई की मांग की है तो भाजपा का कहना है कि निश्चित रूप से जांच के बाद जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा
वीओ: आपको बता दे कि
35 काले हिरणों की मौत के खबर छिपाने के लिए जू प्रबंधन ने आनन-फानन में सीडेजए से अनुमति लेकर बिलासपुर कानन-पेंडारी से 40 काले हिरण मंगा लिया ताकि मामले को छिपाया जा सके लेकिन कानन पेंडारी से लाए गए तीन में से दो माउस हिरणों की मौत की भी बात खुल रही है, जिनका सफारी प्रबंधन ने गुपचुप तरीके से पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया है अब यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि सफारी में संक्रमण फैला हो सकता है वही जंगल सफारी में आठ महीने के भीतर काले हिरणों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने की खबर हरिभूमि ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित की थी खबर प्रकाशित होने के बाद हरिभूमि की टीम ने पूरे मामले की पड़ताल की, तो सफारी में अगस्त में ही 23 काले हिरणों की मौत होने की जानकारी मिली,

वीओ: वही काले हिरणों की मौत मामले को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि अधिकारियों ने हिरनो के रखरखाव उनके स्वास्थ्य और रहन-सहन खान-पान को लेकर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण इतनी संख्या में मौत हुई

वीओ: वही भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि यह विष्णु देव साय की सरकार है ,सभी ने देखा है कि कवर्धा कांड के बाद पूरे के पूरे थाने के स्टाफ को लाइन अटैच कर दिया गया,,,,,, एसपी कलेक्टर को हटा दिया गया तो निश्चित रूप से यदि जंगल सफारी में किसी भी प्रकार की लापरवाही हुई है तो जांच के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी हो फाइनल वीओ: बहरहाल जंगल सफारी में इतनी संख्या में काले हिरन की मौत ने जू प्रबंधन को सवालके घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है यदि काले हिरन की मौत स्वास्थ्यगत कारणों से हुई तो क्या उनकी नियमित रूप से जांच नहीं हो रही थी ?यदि जंगल सफारी में संक्रमण फैला है तो अधिकारियों को इसकी जानकारी क्यों नहीं हो पाई? फिलहाल इन सभी सवालों के जवाब जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएंग

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