कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने प्रेस कांफ्रेंस किया उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि करोड़ों रुपए खर्च कर छपाए गए किताबों को बच्चों तक पहुंचना था लेकिन इन किताबों को रद्दी में बेच दिया गया
विकास उपाध्याय ने कहा कि सरकार ने किताबें छपवाई लेकिन उन्हें छात्रों तक पहुंचाने के बजाय कबाड़ में बेच दिया यह शिक्षा और बच्चों के भविष्य के साथ भारी भ्रष्टाचार का ज्वलंत उदाहरण है यह किताबें सर्व शिक्षा अभियान और छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा प्रकाशित की गई थीं, जो छात्रों को निशुल्क दी जानी थी इस पूरे मामले में एक बड़े भ्रष्टाचार की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता एक ओर पूरे प्रदेश में सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबों की कमी का सामना करना पड़ रहा है दूसरी ओर बिना बांटे किताबों को रद्दी में किलो के भाव बेचे जाने का मामला बताता है किताबें छापने और बांटने का भ्रष्टाचार का खेल कैसा चल रहा है