महिलाओं की असुरक्षा से चिंतित महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया

महिलाओं की असुरक्षा से चिंतित महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया

रायपुर राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों के विरोध में प्रदेश महिला कांग्रेस ने हजारों महिलाओं के साथ मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया। भाजपा सरकार ने बड़ी बेशर्मीपूर्वक महिलाओं पर बल प्रयोग किया। उनके साथ धक्का-मुक्की किया। महिलायें सरकार से सुरक्षा और जीवन जीने के लिये भयमुक्त वातावरण की मांग कर रही थी।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि क्या प्रदेश में दो कानून चल रहा है? एक कानून जहां बिना जांच के एफआईआर हो जाता है, एक कानून जहां चौबिस घंटे से धरना पर बैठना पड़ता है जहां पांच घंटे प्रदेश अध्यक्ष को धरना बैठना पड़ रहा है फिर एफआईआर हो रहा है मैं पूछना चाहता हूं इस सरकार से क्या बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के संविधान को मानने वाले है की नहीं। मैं पूछना चाहता हूं इस सरकार से क्या प्रदेश में दो कानून चल रहा है? एक कानून भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को सुरक्षा देने, एक कानून भारतीय जनता पार्टी नेताओं को बचाने, वो भाजपा नेता पुलिस को खुलेआम जाकर गाली दे रहे हैं पुलिस वाले को कि पुलिस वालों को चुनौती देते है कि गिरफ्तार कर लो हमको, अगर हिम्मत है तो हम को छू के दिखाओ, पुलिस वाले को ये लोग कितना धमकी देते हैं

उनके लिए कानून नाम का कोई चीज नहीं है क्या? मैं देखा हूं पांच घंटे थाने में बैठा जहां हमारा एनएसयुआई का स्टूडेंट के खिलाफ मारपीट करने के बाद में भी एफआईआर नहीं होता है। वहां आईपीएस ट्रेनी, एडिशनल एसपी, सीएसपी तीन-तीन बड़े अधिकारी बैठे थे माता ने उनका चेहरा मैंने देखा उनके चेहरे पर बेबसी, उनके चेहरे पर लाचार उनके चेहरे पर मजबूरी हैं और उनके चेहरे पर मैंने डर देखा। एैसा डर मैंने छत्तीसगढ़ के इतिहास में पुलिस प्रशासन पर कभी नहीं देखा। पुलिस प्रशासन को अगर खुली छोड़ दिया जाए ईमानदारी से काम करने दिया जाए तो पुलिस प्रशासन कानून व्यवस्था और इस आपराधिक घटनाओं को चौबिस घंटे में रोकने के लिए इतना ताकत रखती है। लेकिन ये सरकार घटनाओं को रोकने के लिए नहीं ये घटना कांग्रेसियों को लाठी मारने के लिये है। ये सरकार कांग्रेसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिये, कांग्रेसियों को जेल भेजने के लिये है। अगर एक एफआईआर दर्ज करना होता है तो पहले गृहमंत्री को पूछेंगे फिर मुख्यमंत्री को पूछेंगे एफआईआर दर्ज करना है कि नहीं करना है। एफआईआर करना है कौन सा धारा लगाना है, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री बोलेंगे ये धारा लगाना है तो पुलिस वो धारा लगायेगी। मैंने आज तक पुलिस विभाग को इतना मजबूर और लाचार नहीं देखा है। इसलिये हमको लड़ना है मजबूती के साथ लड़ना है। इस सरकार को दिखाना है। ये महतारी वंदन के नाम से झूठ बोलकर माताओं-बहनों से वोट लिया उसी माता-बहनों पर कहर बरपा रही है।

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