भाजपा सरकार के 7 महीने में राज्य के हालात हुये बदतर – भूपेश बघेल

भाजपा सरकार के 7 महीने में राज्य के हालात हुये बदतर – भूपेश बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत को बधाई देते हुये कहा कि ज्वलंत मुद्दों पर सदन के अंदर और बाहर जनता की लड़ाई लड़ा गया। बलौदाबाजार की घटना को आक्रामक तरीके से सदन में रखा। 24 जुलाई को विधानसभा घेराव आक्रमक कार्यक्रम हुआ। पुलिस ने दमन किया लेकिन हमारे साथी पीछे नहीं हटे। विष्णु सरकार रिमोट कंट्रोल सरकार है। चना, राशन नहीं पहुंचा पा रहे। महतारी वंदन का पैसा महिलाओं को नहीं मिल रहा है। महिलायें चक्कर काट रही है। प्रधानमंत्री आवास के बारे में हमारे सवालों के जवाब में सरकार ने कहा 1 भी आवंटन स्वीकृति नहीं मिला। होर्डिंग में 18 लाख आवास बन गये है। सरकार पूरी तरह विफल है विष्णु का सुशासन विज्ञापनों में बस है। भाजपा की विष्णुदेव सरकार 7 माह में विफल साबित हो गई। राज्य में भ्रष्टाचार और कुशासन का दौर हावी है। विष्णुदेव सरकार की विफलताओं की पूरी श्रृंखला है। साय सरकार के 7 माह में विष्णु का सुशासन तो दूर विष्णु की सरकार कही नहीं दिख रही। 2018 के पहले भी भाजपा की रमन सरकार में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य सुविधाओं में अराजकता का माहौल था। अवैध कारोबार, भू-माफिया, रेत माफिया, गांजा तस्कर, ड्रग्स तस्कर, मानव तस्करों का बोलबाला था। आज फिर वही स्थिति निर्मित हो गई है। कांग्रेस सरकार में जो मजबूत कानून व्यवस्था था उसे 7 महीने में ही साय सरकार ने पलीता लगा दिया है। 7 महीने की साय सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था खस्ताहाल हो गई है, 7 माह में ही राजधानी में गोलीबारी की 4 घटना हुई है। अंतर्राज्यीय गैंगस्टर राज्य में पैर पसार रहे है सरकार है की मूकदर्शक बनी हुई है। एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया। हत्याओं का नया रिकॉर्ड बन गया। प्रदेश में मॉब लिंचिंग शुरू हो गयी आरंग में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या हो गयी। नक्सली घटनायें बढ़ गयी सरकार ने 7 माह में कोई घोषित नक्सल नीति नहीं बनाया। वनांचलों में मलेरिया, डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों से लोग भी मारे जा रहे है। प्रदेश में बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कवर्धा आदि क्षेत्रों लगभग 11000 लोग डायरिया से तथा 22000 से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित है। 2018 में जब भाजपा के 15 साल के कुशासन का अंत हुआ था और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी उस समय छत्तीसगढ़ में मलेरिया संक्रमण दर 5.63 प्रतिशत था जो 5 साल के कांग्रेस सरकार के सुशासन में मलेरिया उन्मूलन अभियान के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप घटकर मात्र 0.99 प्रतिशत रह गई थी। मलेरिया संक्रमण में 10 गुना कमी आयी थी।

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