छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण स्थायीकरण,

छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण स्थायीकरण,

प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में अनियमित कर्मचारी जैसे-आउटसोर्सिग (प्लेसमेंट), सेवा प्रदाता, ठेका, समूह/समिति के माध्यम से नियोजन, जॉबदर, सविदा, दैनिक वेतनभोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, मानदेय, अशंकालिक के रूप विगत 05 वर्ष से लेकर 25-30 साल से किसी न किसी प्रकार से शासत की जनहितकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका में सतत् रूप से कार्यरत हैं किन्तु विडम्बना ही है आज तक अनियमित कर्मचारी जैसे शब्दों से तिरस्कृत होकर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

मातनीय न्यायालय से “सामान कार्य-समान वेतन के निर्देश ये नियमित कर्मचारी से आधे से भी कम वेतन और सुविधा व लाभ लिए बिना कार्य करने को विवश हैं। वर्तमान में इनकी स्थिति मध्यकालीन बन्धुआ मजदूर से भी बदतर है। पारिवारिक जिम्मेदारी, आर्थिक असुरक्षा, बेरोजगारी, प्रशासनिक दबाव के कारण अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय को सहते मजबूर है।
कृपया अवगत होगे कि, अपने अधिकार के लिए संघर्षरत अनियमित कर्मचारियों के मंच पर भारतीय जनता पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता/जनप्रतिनिधियों ने हमारे मंच में आकर हमारी समस्याओं को सुना तथा अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं को भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर इनका यथाशीघ्र निराकरण करने की बात कही है। प्रत्युत्तर में उत्तीसगढ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन के सम्पूर्ण प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों की ओर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने हेतु अपता पूर्ण सहयोग व महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आश्वासन दिया गया था, जिसे सहर्ष हमने अपनी जिम्मेदारी पूर्ण की है।

आपसे मिलकर अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं को रखा परन्तु अद्यतन भारतीय जनता पार्टी सरकार के 6 माह पूर्ण होने के उपरांत भी सरकार की अनियमित कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता दिखाई नहीं दे रही है केवल एक कमेटी बनाकर भूल गई है।महोदय, प्रदेश के अनियमित कर्मचारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार और अपने उज्जवल भविष्य के लिए आशा भरी निगाहों से देख रही है. हमें आपसे काफी उम्मीद है। अतः अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय कार्यालयों/विभाग/संस्थाओं में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों नियमितीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, न्यूत मानदेय कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिए जाने, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने, आउट सोर्सिग ठेका/सेवा प्रदाता/समूह-समिति के माध्यम से नियोजन सिस्टम बंद करते हुए इन कर्मचारियों के नियमितीकरण/स्थायीकरण करने की वर्षों से लंबित एवं न्यायोचित माँगों को शीघ्र पूर्ण करने करने कष्ट करेंगे।

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