लेकिन चुनाव के ऐलान के पहले ही बाहरी दावेदारों की धमक ने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की नींदें उड़ा दी है रायपुर दक्षिण को लेकर हुई बैठक में भी बाहर के नेताओं की दावेदारी को लेकर विरोध सामने आया आखिर क्या कहते हैं इसे लेकर स्थानीय नेता पीसीसी चीफ ने बाहरी नेताओं की दावेदारी पर क्या कहा, देखिए इस रिपोर्ट में
कांग्रेस नेताओं के बयान बता रहे हैं कि रायपुर दक्षिण सीट पर बाहरी दावेदारों की धमक उनके माथे पर चिंता की लकीरें खींच रही है दरअसल इसकी वजह दक्षिण के दंगल में राजनांदगांव और दुर्ग के नेताओं की दावेदारी ही नहीं है 2023 के चुनाव में भी कांग्रेस ने शिवरीनारायण मठ के पीठाधीश्वर महंत रामसुंदर दास को मैदान में उतारा था यह प्रयोग बुरी तरह विफल रहा महंत रामसुंदर दास को 68 हजार मतों की करारी हार का सामना करना पड़ा इससे पहले भी कई अन्य चेहरे यहां से मैदान में उतरे और उन्हें करारी हार मिली. यही वजह है कि रायपुर दक्षिण के उपचुनाव को लेकर जब पीसीसी चीफ ने बैठक ली तो सबसे पहले कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में स्थानीय कार्यकर्ता को ही टिकट देने की मांग रखी बाहर के प्रत्याशियों को लेकर दो टूक लहजे में विरोध भी दर्ज कराया साथ ही पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले और समर्पित कार्यकर्ता को ही टिकट देने की मांग रखी है प्रमोद दुबेे, एजाज ढेबर से लेकर कन्हैया अग्रवाल और आकाश शर्मा तक कई दावेदार हैं जो इसी विधानसभा में लंबे समय से काम कर रहे हैं लेकिन 2023 में भी यहां से बाहरी प्रत्याशी को टिकट मिली यही वजह है कि इस बार पहले ही सभी दावेदार न सिर्फ लामबंद हैं बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत भी करा रहे हैं कि किसी स्थानीय व्यक्ति को ही टिकट मिले पीसीसी चीफ दीपक बैज भी यह स्वीकार करते हैं कि बाहरी नेताओं ने भी टिकट की मांग की है लेकिन वे भी जीतने वाले चेहरे को ही टिकट देने की बात कहते हैं