’घटती आमदनी, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से त्रस्त जनता पर मोदी सरकार की दोहरी मार, ब्याज और ईएमआई में होगी वृद्धि’
रायपुर/01 अक्टूबर 2022। आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत 6 महीनों के भीतर चौथी बार रेपो रेट बढ़ाना यह प्रमाणित करता है कि मोदी सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है। इसी वर्ष 4 मई, 8 जून, 5 अगस्त और अब कल 30 सितंबर को रेपो रेट फिर से बढाने का सीधा असर आम जनता पर पड़ना निश्चित है। होम लोन, आटो लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के लोन मैं ब्याज और ईएमआई महंगे हो जाएंगे। केंद्र की मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वज़ह से महंगाई, बेरोजगारी और आय में कमी की मार झेल रहे आम जनता पर यह एक और अत्याचार है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी राज में गलत आर्थिक नीतियों के चलते व्यापार संतुलन बिगड़ा है, विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रही है, विदेशी कर्ज 490 अरब डालर से बढ़कर 615 अरब डालर से अधिक पहुंच गया है, बेरोजगारी 45 वर्षों के शिखर पर है। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक 2014 में 3.4 प्रतिशत थी जो वर्तमान में ऐतिहासिक रूप से सर्वाधिक 8.7 प्रतिशत है। देश में अभी लगभग 90 करोड लोग नौकरी के योग्य हैं, जिनमें से 45 करोड़ों लोगों ने मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते हताशा में नौकरी की तलाश ही छोड़ दी है। क्रूड आयल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2014 की तुलना में कम है लेकिन विगत 8 वर्षों में पेट्रोल की कीमत लगभग 30 रुपए और डीजल की कीमत 40 रुपए प्रति लीटर अधिक है, जो मोदी सरकार के मुनाफाखोरी का प्रमाण है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार चंद बड़े पूंजीपतियों का लाखों करोड़ का लोन राइट ऑफ कर रही है, लगभग डेढ़ लाख करोड़ प्रत्येक वर्ष कारपोरेट को टैक्स में राहत दे रही है, वही दूसरी ओर आम जनता को नित नए तुगलकी फैसलों से प्रताड़ित कर रही है। कपड़ा, आटा, दाल, चावल, दूध, दही, पनीर जैसे दैनिक उपभोग की वस्तुओं को भी जीएसटी के दायरे में लाकर टैक्स वसूल रही है। विगत 8 वर्षों में आटे की कीमत लगभग 48 प्रतिशत, चावल 31 प्रतिशत, दूध 40 प्रतिशत और नमक की कीमत 35 प्रतिशत तक बढ़ गई है। महंगाई और घटती आमदनी की दोहरी मार झेल रही आमजनता के लिए रेपो दर बढ़ाकर लोन पर ब्याज भी महंगा कर दिया गया है, इस फैसले का देश के आर्थिक विकास में नकारात्मक असर सुनिश्चित है।