पूर्व रमन सरकार के सहयोगी संघ अब नक्सलवाद के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रही-कांग्रेस

पूर्व रमन सरकार के सहयोगी संघ अब नक्सलवाद के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रही-कांग्रेस

पूर्व रमन सरकार के सहयोगी संघ अब नक्सलवाद के नाम से घड़ियाली आंसू बहा रही-कांग्रेस

सत्ता जाने के बाद राजेन्द्र प्रसाद को याद आया कि प्रदेश में बढ़े नक्सलवाद रमन भाजपा सरकार की देन

रायपुर /29 अप्रैल 2023। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने संघ नेता राजेंद्र प्रसाद के ऊपर तंज कसते हुए कहा कि 15 साल के रमन सरकार के सहयोगी रहे संघ को सत्ता जाने के साढ़े 4 साल बाद याद आया कि बढ़े नक्सलवाद के लिए रमन भाजपा की सरकार जिम्मेदार है। 15 साल सत्ता के दौरान यही संघ के बड़े-बड़े नेता रमन सरकार के चाटुकार हुआ करते थे और आंखें मूंद कर बैठे थे और रमन सरकार के कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार में हिस्सेदार भी थे अब जनता ने जब 15 साल बाद भाजपा को नकार दिया और 2023 के आम चुनाव नजदीक आ रहे हैं तब ऐसे में संघ के नेता जनता को भरवाने के लिए अपनी ही सरकार पर आरोप लगा रहे और खुद को पाक साफ बता रहे है। भाजपा की सरकारों की रिमोट आरएसएस के पास ही रहता है ऐसे में संघ रमन सरकार की जिम्मेदारी से खुद को बचा नहीं सकती।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने संघ के बड़े नेता राजेंद्र प्रसाद से पूछा 15 साल में क्या संघ ने बढ़ते नक्सलवाद की चिंता क्यो नही की? नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की जनता की शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार उनके कानूनी अधिकार के बारे में क्यो नही सोचा? जो संघ सैकड़ों अनुषांगिक संगठनों का वरिष्ठ अपने आपको बताता है क्या उस संघ के पास रमन सरकार की नाकामी के संदर्भ में जानकारी नहीं आती रही है आखिर संघ की क्या मजबूरी थी? रमन सरकार आदिवासी वर्ग के ऊपर अत्याचार कर रहा था, किसानों के साथ वादाखिलाफी किया, गौ सेवा के नाम से गौ माता के अनुदान में भ्रष्टाचार किया, छत्तीसगढ़ की वन संपदा को लूटा, छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, तीज-त्यौहार की ओर ध्यान नहीं दिया, तब संघ मौन क्यों था? संघ की नक्सलवाद को लेकर चिंता और पूर्व रमन सरकार पर दोष मढ़ना भाजपा की ध्वस्त हो चुकी राजनीतिक किला को पुनः स्थापित करने की रणनीति का हिस्सा है। संघ जनता को दिग्भ्रमित कर भ्रम में रखकर भाजपा के लिए राजनीतिक एजेंसी की तरह काम कर रही है। संघ को कल भी छत्तीसगढ़ की चिंता नहीं थी।

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