चारपहिया वाहनों को किराये में लेकर बिक्री एवं गिरवी रखकर धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

चारपहिया वाहनों को किराये में लेकर बिक्री एवं गिरवी रखकर धोखाधड़ी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

आरोपी के कब्जे से 14 नग चारपहिया वाहन किया गया है जब आरोपी प्रार्थी सहित अन्य 14 से 15 लोगों से चारपहिया वाहन लिया था किराये पर
प्रार्थियों के सभी चारपहिया वाहन को बिक्री अथवा रख दिया था गिरवी में

ठगी की घटना को अंजाम देने हेतु आरोपी द्वारा इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में खोल रखा था ए.एफ.सी ट्रेवल्स नामक एजेंसी।
आरोपी स्वयं को बताता था शासकीय ठेकेदार आरोपी के कब्जे से 14 नग चारपहिया वाहन किया गया है जप्त
आरोपी के विरूद्ध थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 08/24 धारा 316(5) बी.एन.एस. का अपराध किया गया है पंजीबद्ध- प्रार्थी धर्मेन्द्र प्रसाद ने थाना टिकरापारा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह संतोषीनगर बोरियाखुर्द टिकरापारा में रहता है तथा टिकरापारा क्षेत्रांतर्गत स्थित प्रज्ञा होटल का संचालक है। प्रार्थी 04 से 05 माह पूर्व अपने नाम पर एक सफेद कलर का स्कॉर्पियों वाहन क्रमांक सीजी 07 सीजी 8839 कीमती करीबन 13 लाख रूपये का अपने उपयोग के लिए चोला मंडलम फायनेंस कंपनी से फायनेंस कराकर खरीदा था किन्तु उक्त वाहन का मासिक किस्त नही पट पाने के कारण उसने उक्त वाहन को किराये में देने हेतु विज्ञापनों के माध्यम से पता चला था कि ए.एफ.सी ट्रेवल्स एजेंसी के द्वारा चार पहिया कार को प्राईवेट एवं सरकारी विभागों में किराये में चलाने के लिए एग्रीमेंट के माध्यम से किराये मे लेते है को देखकर प्रार्थी ने उक्त कम्पनी के मोबाईल नंबर से संपर्क कर अपने वाहन को किराये मे देने हेतु संपर्क किया। जिस पर ए.एफ.सी ट्रेवल्स एजेंसी के व्यक्ति द्वारा प्रार्थी के वाहन को किराये से लेने के लिये प्रार्थी के होटल में गया था। जहां उसने प्रार्थी को अपना नाम दानेश्वर निषाद तथा स्वयं को शासकीय ठेकेदार होना एवं शासकीय एवं गैर शासकीय विभाग में चार पहिया वाहन कार को किराये में चलवाना बताया। जिस पर प्रार्थी द्वारा उसकी बातों में आकर अपनी स्कॉर्पियों वाहन किराये से चलाने के लिए दिनांक 16.12.2024 को स्टाम्प पेपर मे वाहन किराया अनुबंध पत्र तैयार कर 35000 रूपये मासिक किराये में दे दिया गया। किन्तु एग्रीमेंट के मुताबिक किरोय हेतु कम्पनी से प्रार्थी ने सम्पर्क किया सम्पर्क नही होने पर उनके इंद्र प्रस्थ कालोनी के आफिस पहुचकर संपर्क किया जहां उपस्थित व्यक्ति ने प्रार्थी को बताया कि कम्पनी के मालिक दानेश्वर निषाद द्वारा प्रार्थी सहित 14 से 15 लोगों से 14 से 15 चारपहिया वाहन किराये में लेकर अन्य व्यक्तियों को बेचकर एवं गिरवी में रखकर फरार हो गया था। इस प्रकार आरोपी दानेश्वर निषाद द्वारा प्रार्थी सहित अन्य लोगो से उनकी चारपहिया वाहन प्राप्त कर उनके वाहन को बिक्री एवं गिरवी रखकर उनके साथ धोखाधड़ी कर अमानत में खयानत किया गया था। जिसपर आरोपी के विरूद्ध थाना टिकरापारा में अपराध क्रमांक 08/25 धारा 316(5) बी.एन.एस. का अपराध पंजीबद्ध किया गया था।

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