साय कैबिनेट की बैठक में आज बड़ा फैसला लिया गया. अब छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में जनता महापौर और अध्यक्षों का चुनाव करेगी. डिप्टी सीएम अरुण साव ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया, छत्तीसगढ़ में महापौर एवं सभी अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष होगा. इस प्रक्रिया को 12 दिसंबर 2019 में बंद किया गया था. अब जनता फिर नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्ष चुनेगी.
कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नगर पालिक निगमों के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए बैठक में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 (संशोधन) अध्यादेश, 2024 एवं छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 (संशोधन) अध्यादेश 2024 (प्रत्यक्ष निर्वाचन एवं आरक्षण संबंधित प्रावधान) की विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने के संबंध में अध्यादेश 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया. उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्य प्रदेश राज्य में 1999 के पूर्व नगर पालिक निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष रीति से होता था। तत्कालीन सरकार द्वारा नगरीय निकायों के महापौर तथा नगर पालिकाओं के अध्यक्ष का निर्वाचन को अप्रत्यक्ष रीति से कराए जाने का निर्णय लिया था, जिसकी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में 12 दिसम्बर 2019 को किया गया था।
छत्तीसगढ़ शासन के पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग द्वारा मंत्रालय द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की संख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण के प्रावधान की स्वीकृति पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन में प्राप्त अनुशंसा के अनुसार दी गई है. छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण संबंधी प्रावधानों में संशोधन करने के लिए विभिन्न धाराओं में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया.