यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया ने 13 अक्टूबर को यूरोलॉजी जागरूकता दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य सामान्य जनता को यूरोलॉजी की जानकारी देने के साथ ही यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों के होने पर एक यूरोलॉजिस्ट से ही उचित परामर्श लेकर जांच व उपचार करने के लिए जागरूक किया जाएगा। आमतौर पर देखा जाता है कि लोगों को यह जानकारी ही नहीं रहती की किसी भी तरह की बीमारी होने पर उनके विशेषज्ञ डॉक्टर के पास ही जाना चाहिए ताकि समय में उचित इलाज प्राप्त किया जा सके।
13 अक्टूबर को यूरोलॉजी जागरुकता दिवस के माध्यम से आमजनों को मूत्र संबंधी रोगों के बारे में समझाने और जागरूक करने के लिए मूत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा महती भूमिका निभाई जाएगी। इंटरनेट क्रांति के इस युग में लोगों में जागरूकता का आभाव है। मूत्र संबंधी बीमारियां लोगों के जीवन प्रभाव डाल सकती है। इस सम्बंध में आज जागरुकता सीमित है। इस क्षेत्र में पेशेवरों के रूप में, हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता को विभिन्न मूत्र संबंधी विकारों के बारे में सूचित करें, जिनमें मूत्र पथ के संक्रमण जैसे सामान्य मुद्दों से लेकर प्रोस्टेट कैंसर या गुर्दे की पथरी जैसी अधिक जटिल स्थितियां शामिल हैं। रोगियों के लिए योग्य विशेषज्ञों से समय पर उपचार लेने के महत्व को समझना आवश्यक है।
यूरोलॉजी जागरूकता दिवस उन योग्यताओं को भी स्पष्ट करने के लिए है जो एक सक्षम मूत्ररोग विशेषज्ञ की पहचान कराती है। हममें से जो लोग यूरोलॉजी में एमसीएच या डीएनबी या एफआरसीएस रखते हैं, उन्होंने कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अपने रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे जनता तक पहुंचाएं, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें पता हो कि उन्हें अपनी मूत्र संबंधी स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए किसके पास जाना है।
यूरोलॉजिस्ट या यूरोसर्जन नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी पूर्व में एमसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर होते हैं। इसके लिए एमसीएच यूरोलॉजी या डीएनबी यूरोलॉजी की डिग्री अनिवार्य है। यूरोलॉजिस्ट यूरोसर्जन महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के गुर्दा, यूरेटर, पेशाब की थैली या मसाना, पेशाब के रास्ते, एड्रिनल ग्रंथि एवं पुरुषों के प्रजनन तंत्र के अंगों जैसे प्रोस्टेट, अंडकोष, लिंग अंगों की बीमारियों का इलाज ऑपरेशन करते हैं। उपरोक्त अंगों के कैंसर, गांठ, पथरी, इंफेक्शन, रुकावट खराबी, चोट, जन्मजात बीमारियों व अन्य बीमारियों के इलाज एवं ऑपरेशन के लिए यूरोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए। अप्रशिक्षित एवं अल्प प्रशिक्षित लोगों से इलाज न कराकर अपने व अपने प्रियजनों के लिए सही डॉक्टर का चयन करें। ये संदेश यूरोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के द्वारा सभी तक पहुंचाने के लिए मीडिया से आग्रह किया गया है।
डॉ. प्रशांत भागवत प्रेसिडेंट छत्तीसगढ़ यूरोलॉजी सोसायटी, डॉ योगेश बारापात्रे सेक्रेटरी छत्तीसगढ़ यूरोलॉजी सोसायटी, डॉ आशीष शर्मा, डॉ अमित शर्मा, डॉ. राहुल कपूर, डॉक्टर अजय पाराशर, डॉ हर्ष जैन, डॉ दीपक बिस्वाल, डॉ सत्यदेव शर्मा, डॉ मलय, डॉ राजेश अग्रवाल, डॉक्टर संदीप अग्रवाल, डॉ. सूरज जाजू, डॉ. सुरेश सिंह, डॉ. तुषार दानी, डॉ. वरुण शर्मा उपस्थित रहे।