छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 90 में से 80 सीटों पर सिंगल नाम तय कर लिए हैं। 10 सीटों पर सबकी एक नाम पर सहमति नहीं होने की वजह से पेंच फंसा है। अब इन सीटों पर दिल्ली में दिग्गज मंत्रणा करेंगे। माना जा रहा है ऐसी सीटों पर अब सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर फैसला होगा। बैठक में अलग-अलग सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर लगभग डेढ़ दर्जन विधायकों को डेंजर जोन में माना गया है। इनमें से कई सीटों पर नए नाम तय कर लिए गए हैं। जबकि कुछ सीटों पर दिल्ली में फैसले की बात कही जा रही है।
कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक रविवार को लगभग पांच घंटे चल। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और स्पीकर डॉ. चरणदास महंत मौजूद रहे। बैठक में हर सीट पर विस्तार से चर्चा की गई। जिन सीटों पर पहले नाम तय कर लिए गए थे, उनपर भी अंतिम चर्चा की गई। इस तरह एक-एक कर 80 सीटों पर एक-एक नाम तय कर लिए गए, लेकिन रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग की 10 सीटें ऐसी रहीं, जिसपर दिग्गजों में एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में इन सीटों पर दिल्ली में मंत्रणा का निर्णय लिया गया। देर शाम सभी नेता सूची लेकर एक साथ दिल्ली रवाना हो गए।
*सीटिंग पर सबसे ज्यादा माथापच्ची*
कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में एक बार फिर सीटिंग विधायकों की टिकट को लेकर सबसे अधिक माथापच्ची हुई। सर्वे रिपाेर्ट्स के आधार पर डेढ़ दर्जन विधायकों को डेंजर जोन में माना गया। इस बात पर भी मंत्रणा हुई कि ऐसी सीटों में मजबूत विकल्प कौन है? टिकट काटे जाने के बाद क्या क्या स्थिति बनेगी? डेमेज कंट्रोल को लेकर भी चर्चा हुई।
*इन सीटों पर सबसे अधिक उलझन*
रायपुर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग की जिन सीटों पर सबसे उलझन है, उनमें रायपुर दक्षिण और उत्तर, धरसींवा, लोरमी, मुंगेली, रामानुजगंज, सामरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, रायगढ़ जैसी सीटें शामिल हैं। इन सीटों में कुछ में कांग्रेस के सीटिंग विधायक हैं। जबकि कुछ सीटें भाजपा के विधायकों वाली हैं, जहां एक से अधिक मजबूत दावेदार हैं।