रायपुर। प्रदेश के संजीवनी, 102 और 108 एम्बुलेंस के कर्मचारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. वहीं आज आंदोलनरत कर्मचारियों ने शासन-प्रशासन का ध्यान अपनी और खीचने जल सत्याग्रह किया. यह आंदोलन छत्तीसगढ़ संजीवनी 108,102 कर्मचारी संघ के बैनर तले किया गया. कर्मचारी अलग-अलग तरीके से धारना प्रदर्शन, पुतला दहन, जल सत्याग्रह कर रहे हैं लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई ह छत्तीसगढ़ संजीवनी108/102 कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र राठौर ने बताया कि हम 102 कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ में सेवा देते हुए 10-12 साल हो गए. आज हमें ठेका के नाम पर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. इस सरकार के मुखिया 2018 में हमारे मंच पर आकर 108/102 सेवा को ठेका प्रथा मुक्त किया जाएगा करके घोषणा किया गया था. लेकिन आज कांग्रेस सरकार का 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, 108/102 आपातकालीन एंबुलेंस में ठेका प्रथा हटाने का वादा करने वाले 10-12 वर्षों से उक्त एंबुलेंस सेवा में कार्य करने वाले कर्मचारियों को ही हटा दे रहे हैं. संवेदनशील एवं न्याय देने वाली कांग्रेस सरकार के नीति और नियत का परिणाम हम सबको मिल रहा है. हम अपनी जान जोखिम में डालकर शासन की महत्वाकांक्षी जीवन-रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं को 24 घंटे जनता को उपलब्ध कराने वाले कर्मचारी है. जो कोरोना कॉल के 2 वर्षों तक अपनी जान जोखिम में डालकर निःस्वार्थ भाव से काम किये. उस समय इनको याद नहीं आई कि ये लोग ठेका कर्मी है. आज छत्तीसगढ़ की माताओं-बहनों और नवजात के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के लिए नियमों को ताक पर रखकर, टेंडर शर्तों में बदलाव करके महतारी-बहनों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और ठेका कंपनी को भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस दिया जा रहा है.