100 साल से भी ज्यादा पुराना है CG के इस दशहरा मैदान का इतिहास, यहां रावण और कुंभकरण एक ही जगह, लेकिन अलग-अलग विधानसभाओं में हैं विराजमान
पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। रामायण में भले रावण ने अपने प्रिय भाई कुंभकरण को साम्राज्य से अलग न किया हो लेकिन गरियाबंद के दशहरा मैदान में रावण और कुंभकर्ण दोनों अलग भू-भाग में मौजूद है. रावण राजिम तो कुंभकरण बिंद्रानवागढ़ विधानसभा के भू-भाग में स्थापित है. इसलिए गरियाबंद का दशहरा मैदान चुनाव में चर्चा का विषय बना रहता है. गरियाबंद जिला मुख्यालय में मौजूद इस दशहरा मैदान का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है.
यहां स्थापित रावण और कुंभकरन की विशाल प्रतिमा आकर्षण का केंद्र तो है ही पर महज दो मीटर की दूरी में अलग अलग क्षेत्र में यह भू-भाग बंट जाता है. यही वजह है कि चुनाव सीजन में इस मैदान और रावण कुंभकर्ण की चर्चा सब की जुबान पर होता है. दरअसल एक ही मैदान में दोनों भव्य मूर्ति की स्थापना की गई है, लेकिन रावण राजिम विधान सभा और एक मिटर की दूरी पर स्थापित कुंभकरण बिंद्रानवागड़ विधान सभा के भू-भाग में मौजूद होता है. चुनावी सीजन में होने वाले दशहरा में इस ऐतिहासिक मैदान में दोनों ही विधानसभा क्षेत्र के नेता और समर्थकों की भी खासी भीड़ जुटती है.