अब तक शासन-प्रशासन ने इस घटना को संज्ञान में नहीं लिया। अगर ऐसा दुबारा हुआ तो पूरा देश सचेत हो जाए कि, जनजाति समाज सहन नहीं करेगा। विश्व आदिवासी दिवस पर खुशियां न मना कर हमने आक्रोश रैली निकाली और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। सरकार हमारी रक्षा करे। भारत देश में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि, हमारे देश में ही हमें रक्षा की गुहार लगानी पड़ रही है।