रायपुर, 28 जनवरी 2023/बस्तर संभाग के युवाओं के दल ने धनकुल जगार गीत की प्रस्तुति दी। उन्होंने हल्बी बोली में गीत गाया।
उल्लेखनीय है कि बस्तर अंचल के हल्बी-भतरी और बस्तरी परिवेश में धनकुल गीतों की महत्त्वपूर्ण परम्परा रही है। धनकुल गीत के अन्तर्गत चार जगार गाये जाते हैं। इन चारों जगार (आठे जगार, तीजा जगार, लछमी जगार और बाली जगार) की प्रकृति लोक महाकाव्य की है। ये चारों लोक महाकाव्य अलिखित हैं और पूरी तरह वाचिक परम्परा के सहारे मुखान्तरित होते आ रहे हैं। इनमें से आठे जगार, तीजा जगार और लछमी जगार की भाषा हल्बी एवं कहीं-कहीं हल्बी-भतरी-बस्तरी मिश्रित है, जबकि बाली जगार की भाषा भतरी और देसया।