मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को हलबी और छत्तीसगढ़ी में संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा —- हमर भारत के सबले बड़े तिहार, गणतंत्र दिवस के बेरा म हमर सियान मन ल, दाई-दीदी मन ल, भाई-बहिनी- संगवारी अउ नोनी-बाबू मन ल जय जोहार !!
आज हमर संविधान के जय-जयकार करे के दिन हवय। आज जम्मो रहवइया मन, जम्मो मनखे मन के घलोक जय-जयकार करे के दिन हे। काबर के गणतंत्र के बिचार म जम्मो मनखे के अधिकार समाय हवय। इही हमर संविधान के खूबसूरती हे जेखर बर हमर पुरखा मन सहादत दीन अउ अंगरेज मन ल खदेड़ के हमन ल आजादी दिलाइस। ओखर पाछू अइसन संविधान बनाइन जेला खुद ‘हम भारत के लोग’ मन ह, खुद ल अरपित करे हन। याने के हर मनखे के संविधान हे जेखर सेती मतदाता मन के वोट ले सरकार बनथे। अइसन संविधान अउ लोकतंत्र ल बचाय के जिम्मेवारी अब हमर अउ अवइया पीढ़ी के हवय।