साइंस कॉलेज के स्वर्णिम इतिहास तथा कर्मठ अध्यापकों को ध्यान में रखकर हमेशा दायित्व सौंपता हूं – प्रोफ़ेसर केशरी लाल वर्मा

साइंस कॉलेज के स्वर्णिम इतिहास तथा कर्मठ अध्यापकों को ध्यान में रखकर हमेशा दायित्व सौंपता हूं – प्रोफ़ेसर केशरी लाल वर्मा

रायपुर 23 जनवरी 2023 हीरक जयंती कार्यक्रम के संयोजक प्रोफ़ेसर डॉ. गिरीश कांत पांडे ने बताया है कि साइंस कॉलेज, रायपुर के स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में वर्ष भर चलने वाले “हीरक जयंती कार्यक्रम” का आज विधिवत उद्घाटन प्रो केशरी लाल वर्मा, कुलपति, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो वर्मा ने साइंस कॉलेज भवन से ही ‘विश्वविद्यालय शिक्षण संस्थान’ को तत्कालीन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा आरंभ किए जाने का जिक्र भी किया।

प्रोफ़ेसर वर्मा ने साइंस कॉलेज से अपने पारिवारिक संबंधों को भी याद किया तथा साइंस कॉलेज के उत्कृष्ट शिक्षकों और शोध कार्य की सराहना भी किया। आज के इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1948 के प्रथम बैच के छात्र रहे डॉक्टर एस आर गुप्ता तथा दूसरे बैच के छात्र रहे श्री गोपाल व्यास जी को सम्मानित किया गया। दोनों पूर्व छात्रों ने अपने पुराने अनुभवों को साझा भी किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के पूर्व छात्र रहे कुछ विशिष्ट शिक्षाविदों प्रोफेसर अवध राम चंद्राकर, प्रोफेसर हर्षवर्धन तिवारी, प्रोफेसर अरुण दाबके तथा प्रोफेसर एम एल नायक को महाविद्यालय परिवार ने सम्मानित किया।

आज के कार्यक्रम में एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अंजय शुक्ला, जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष डॉ विकास पाठक ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर बी सी चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। डॉक्टर सविता सिंह द्वारा महाविद्यालय के 75 वर्ष की यात्रा का पीपीटी के माध्यम से जानकारी प्रदान किए। सभी अतिथियों ने, कार्यक्रम के आरंभ से पहले शहीद उद्यान में, शहीद राजीव पांडेय तथा शहीद युगल किशोर वर्मा को पुष्पांजलि अर्पित किए।

महाविद्यालय के छात्रों का बैंड ‘युवाज’ ने अपने स्वागत गीत “मन की वीणा से”, एम एस सी द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा मालविका नायर ने “जगनमोहन कृष्णा” को शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम के माध्यम से प्रस्तुत की, अंतिम प्रस्तुति “प्रणवालय” के रूप में छात्राओं के समूह ने नृत्य विधा के रूप में किये। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर गिरीश कांत पांडेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर विमल कानूनगो द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पूर्व छात्रों सहित वर्तमान छात्रों ने भी भाग लिया।

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