रायपुर राजधानी रायपुर के महंत घासीदास संग्रहालय के मुक्ताकाशी मंच में ’राज्यस्तरीय ट्रांसजेंडर सांस्कृतिक संध्या’ सांझ-6 का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ इकलौता ऐसा राज्य है जहां ट्रांसजेंडर समुदाय की सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य शासन द्वारा मंच प्रदान किया जाता है।
इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति व पुरातत्व विभाग तथा छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था। इस कायर्क्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्री पुरंदर मिश्रा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग श्री विवेक आचार्य उपस्थित थे। इसके साथ सहायक संचालक, संस्कृति व पुरात्तव विभाग तनुजा बघेल, विशेष अतिथि के रूप छत्तीसगढ़ किन्नर समाज की प्रमुख नगीना नायक, विशिष्ट अतिथि के रूप में सुनीता चंसोरिया, सहायक प्राध्यापक दुर्गा महाविद्यालय तथा प्रीतम महानंद, सांसद प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्य़क्रम सांझ -6 में तृतीय लिंग समुदाय के कलाकारों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दी। दीप प्रज्ज्वल के पश्चात पहली एकल प्रस्तुत मीरा यादव द्वारा ओडीसी नृत्य के माध्यम से किया गया। पहली सामूहिक प्रस्तुति प्रतिमा ग्रुप द्वारा राजस्थानी नृत्य से कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके बाद स्वरागिनी ग्रुप के कलाकारों ने भी राजस्थानी व छत्तीसगढ सुआ गीत, कर्मा गीत, ददरिया व होली के गीतों में अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने को मजबूर कर दिया। तीसरी प्रस्तुति के रुप में रायपुर के श्री युवराज बाध एवम साथी द्वारा कत्थक में शिव वंदना की प्रस्तुति दी गई। इसके साथ-साथ उन्होंने कत्थक तिहाई, परन और ठुमरी में अपने अंदाज से लोगों को दिल जीत लिया। उल्लेखनीय है कि युवराज बाध जी कत्थक नृत्य के क्षेत्र में गुररत्न अवार्ड, मधुपुरम अवार्ड, मधुपुरम सम्मान, गुरू बह्म अवार्ड तथा नृत्य माया अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं।