आईसीएआर और धानुका एग्रीटेक ‌द्वारा एक दिवसीय संयुक्त केवीके कार्यशाला कार्यक्रम का स्थान मुख्य सभागार, आईजीकेवी, रायपुर

आईसीएआर और धानुका एग्रीटेक ‌द्वारा एक दिवसीय संयुक्त केवीके कार्यशाला कार्यक्रम का स्थान मुख्य सभागार, आईजीकेवी, रायपुर

आईजीकेवी, रायपुर में आईसीएआर और धानुका चीटेक ट्‌वारा संयुक्त कार्यशाना ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और अटारी (भीसगढ़ एमपी) क्षेत्र 1X के माध्यम से पूरे কলে की नींव रखी। इस आयोजन ने कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी मागीदारी की ताकत और क्षमता का उदाहरण दिया और देश के गावों में उन्नत प्रौद्‌योगिकियों का प्रसार और तैनाती पर जोर दिया।

मुख्य प्रतिभागीः कार्यशाला में कृषि क्षेत्र के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित पदैन ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यशाला की शामा बढ़ाई एनआईबीएम के निदेशक डॉ. पीकेषको सम्मानित अधि के रूप में पाकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। विशेष अतिथियों में आईआईआर के निदेशक सिंह न्यूार के निर्देशक डॉ. जेएस मिश्रा, अटारी जॉन-IX के निदेशक डॉ. एसआरके सिंह, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान आईसीएजारम डॉ कल्याण के मंडल, संयुक्त निदेशक (फसल स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान स्कूल, डॉ ए के दीक्षित और पी के चक्रवर्ती पूर्व सदस्य एएसआरबी, आईसीएआर ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। साथ ही मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ के सभी 81 केवीक कार्यक्रम में शामिल रहे।

उद्‌द्देश्यः इस कार्यशाला का प्राथमिक उद्‌द्देश्य किसानी, केवीके और सभी संबंधित हितधारकों के लिए सर्वोतम उपाय कृषि प्रौ‌द्योगिकियों का प्रसार करना है। कार्यशाला का उद्‌देश्य किसानी के उत्पादन, उत्पादकता और कृषि आय को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देना है। भारत के विशाल कृषि परिदृश्य, जिसमें 6.5 लाख गांव और 14 करोड़ किसान शामिल हैं, को देखते हुए यह पहल महत्वपूर्ण है। इस व्यापक किसान आधार तक पहुंचना किसी श्री एकन इकाई के लिए बहुत कठिन कार्य है, जो मजबूत सार्वजनिक निजी भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी कृषि क्षेत्र के सामने जाने वाली चुनौतियों के समाधान में सरकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी को

एवं विकास की दिग्गज कंपनी, धानुका और आईसीएआर जिसके पास अपना स्वयं का अनुसंधान एवं विकास है, के संसाधनों और विशेषज्ञता का लाभ उठाने में सक्षम होगा, ताकि विस्तार और अनुसंधान गतिविधियों को मजबूत किया जा सके। इस साझेदारी कर उद्‌द्देश्य प्रदर्शनी, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और क्षेत्र दिवसों के माध्यम से उन्नत कृषि प्रौ‌द्योगिकियों के संयुक्त प्रसार के माध्यम से भारतीय कृषि को और अधिक जीवंत बनाना है। यह कार्यशाला इस सहयोगात्मक प्रयास की शुरुआत का प्रतीक है, जहां आईसीएआर
भविष्य की पहमः आने देखते हुए, सभी आईसीएआर-ATARI के सहयोग से पूरे भारत में इसी तरह की कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वे पहल सुनिश्चित करेंगी कि देश भर में किसानौ की नवीनतम प्रौद्‌योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं तक पहुंच हो, जो अंततः अधिक उत्पादक और टिकाऊ कृषि क्षेत्र में योगदान देंगे।

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